दैनिक प्रतियोगिता हेतु विषय कम से। कम
विषय _कम से कम
शीर्षक _छोटी - छोटी
विधा _ कविता
कम से कम इतना तो कर लो,
ज़िंदगी को मुस्कान दे दो।
जो भी मिला है इस सफर में,
उसे अपनी पहचान दे दो।
कम से कम इतना समझो,
हर दिल में दर्द छुपा होता है।
जो हँसता सबसे ज्यादा है,
वही सबसे ज्यादा रोता है।
कम से कम धूप को देखो,
जो जलकर हमें रोशनी देती है।
कम से कम चाँद को समझो,
जो हर रात हमें ठंडक देती है।
कम से कम बारिश को देखो,
जो सूखी ज़मीं को तृप्त करती है।
कम से कम हवा को सुनो,
जो हर दिशा में शीतलता भरती है।
कम से कम अपनों को तो जानो,
जो तुम्हारे बिना अधूरे हैं।
कम से कम रिश्तों की डोर संभालो,
जो दिल के सबसे करीब हैं।
कम से कम सपनों को तो देखो,
जो तुम्हें जीने का हौसला देते हैं।
कम से कम उम्मीदों को तो रखो,
जो तुम्हें हर मुश्किल से बचाते हैं।
कम से कम इतना करो,
किसी के चेहरे पर हँसी ला सको।
कम से कम इतनी कोशिश करो,
कि किसी के आँसू मिटा सको।
कम से कम दिल से जियो,
हर लम्हा खुलकर बिताओ।
क्योंकि ये ज़िंदगी एक सफर है,
इसे प्यार से सजाओ,सँवारो।
सुनीता गुप्ता
hema mohril
26-Mar-2025 05:04 AM
fantastic
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